Saturday, January 21, 2012

Shivani- a legend... Gaura Pant

I remember those days when i started reading books... the one writer i could never miss reading was SHIVANI... even today i love to read, re-read, and so on... किसी ने मुझसे कहा... कभी किसी author को देखा है book reviews लिखते ?

मेरा जवाब क्या होना चाहिए?
भाई ठीक है आज मैं एक author हूँ... पर क्या इसके पीछे वोह सारी  किताबें नहीं जिन्हें पढ़ने के बाद मैं इस तरफ आई...? 

बचपन से ही पढ़ने का शौक था... हिंदी, English , Bangla बहुत पढ़ा है... तोह क्यूँ न लिखूं उन किताबों के बारे में जो मुझे अच्छी लगी?

शिवानी जी की शायद ही कोई किताब है जो मैंने नहीं पढ़ी अब एक एक करके  सबके बारे में शायद ही कभी बैठ कर लिख पाऊं पर उन पुरानी diaries  में जो scribble किया था वोह ज़रूर शेयर करुँगी...

कैंजा - मेरी पहली read हिंदी में... एक माँ की कहानी - अगर एक दूसरी माँ सच में इतनी अच्छी हो सकती है तोह क्यूँ न माँ शब्द के सामने से ये adjectives अलग कर दिए जाएँ ... माँ तो माँ ही है न...।

चौदह फेरे- विवाह बंधन का एक अलग ही स्वरुप... एक स्त्री के जीवन की कुछ ऐसी घटनाएँ... जो शायद और कोई शब्दों में बयां नहीं कर पाता।

कृष्णकली- मेरे लाइफ की all time favourite एक लड़की की कहानी, जोसुख दुःख सभी देखती है जीवन में... उसका जन्म और उसकी जीवनशैली के उतर चढाव के बाद एक मर्मस्पर्शी अंत.. किसी के जीवन  के तार कैसे जुड़े होते हैं अपने जन्म दाता से.... एक अद्भुत कथाशैली. कालो शे जोतोयी कालो होक देखेची तार कालो होरीण चोख ।

उप्रेती - एक माँ जिसने मौत के बाद बच्चे को जन्म दिया... एक बेटा जो समाज के नियमों से जूझता रहा, और एक रुढ़िवादी समाज जिसमे हम रहते है... एक छोटी सी घटना का हृदयस्पर्शी चित्रण ।

कृष्ण वेणी - एक दक्षिण भारतीय युवती की कथा, एक घटना जिसमे लाइफ के सारे phases दर्शा दिए हैं, शान्तिनिकेतन के परिवेश में कला साधकों की साधना का जिवंत चित्रण ।

बाकि बुक्स जो मैंने पढ़ी है उनकी - चरेइवेती, अतिथि, पूतोंवाली, चल  खुसरो  घर  आपने, वातायन, एक  थी  रामरती, झालक, आमादेर शान्तिनिकेतन , मानिक, श्मशान  चंपा , सुरंगमा,  मायापुरी, भैरवी, स्वयं  सिद्धा, करिए छिमा, चिर स्वयंवरा, विष कन्या, अपराधिनी, रति विलाप, सुनहु  तात यह  अकथ  कहानी, हे  दत्तात्रेय। 

सभी कि खासियत है कि यह किस्से , घटनाएं हैं,  उनकी सारी कहानियां कुमाओं के गाँव की सौंधी महक को पढ़ने वालों के मन में उकेरती हैं... शायद उनकी किताबें ही एक वजह है कि मैं खुद उन पहाड़ों के बीच जाना चाहती हूँ.. सच में उस nature के magic का एक्सपेरिएंस करना चाहती हूँ... कभी न कभी मौका तो ज़रूर मिलेगा...

I will definitely recommend all her books to people who love reading...

1 comment:

  1. Great post. I share your sentiments. When I write something today, shades of her writings (read decades back)creep in.

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